इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टर कफील खान को मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया है। इसी के साथ देर रात रिहाई को लेकर चला ड्रामा खत्म हो गया। 1 सितंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की बेंच ने कफील पर लगाए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) को भी रद्द कर दिया था। रिहाई के बाद डॉ. कफील ने योगी सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी देर शाम तक अलीगढ़ ज़िला प्रशासन की ओर से रिहाई संबंधी ऑर्डर मथुरा जेल भेजे जाने में देरी की जाती रही है और इसी वजह से कफील की रिहाई अटकी हुई थी। मध्य रात्रि में मथुरा जेल पहुंचे रिहाई के ऑर्डर के बाद डॉ कफ़ील को रिहा किया गया जबकि हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सुबह ही रिहाई का आदेश दे दिया था।
कफील ने सभी का किया धन्यवाद
रिहा होने के बाद डॉ कफील ने उनके संघर्ष में साथ रहने वालों को धन्यवाद दिया और मथुरा जेल प्रशासन और योगी सरकार पर जमकर हमला भी बोला। कफील ने उन्होंने राज्य सरकार पर प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है।
डॉक्टर कफील ने कहा, ‘मैं जुडिशरी का बहुत शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने रिहाई का ऑर्डर दिया है। कफील ने कहा सभी 138 करोड़ देशवासियों का धन्यवाद और उन लोगों का धन्यवाद जिन्होंने संघर्ष में मेरा साथ दिया।’
जेल में 5 दिन तक नहीं दिया खाना-पानी
कफील ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक झूठा बेसलेस केस मेरे ऊपर थोपा। बेवजह के केस बनाए गए और 8 महीने तक जेल में रखा। जेल में मुझे पांच दिन तक बिना खाना, बिना पानी दिए मुझे प्रताड़ित किया गया। मैं उत्तर प्रदेश के एसटीएफ को भी धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने मुंबई से मथुरा लाते समय मुझे एनकाउंटर में मारा नहीं।
रिहाई से आदेश के बाद भी चलता रहा ड्रामा
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के घंटों बाद भी डॉक्टर कफील की मथुरा जेल से रिहाई देर शाम तक नहीं की गई थी। कफील को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की गई थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कफील को करीब साढ़े 7 महीने से मथुरा जेल में बंद रखा गया था। आदेश के बाद कफील के परिजन उनकी रिहाई के लिये मथुरा जेल पहुंचे लेकिन अधिकारियों ने आदेश न मिलने का हवाला देते हुए उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया था।
रामायण का जिक्र डॉ कफील ने कहा कि मैंने पढ़ा है कि राजा को राजधर्म का पालन करना चाहिए उसे राजहठ नहीं करना चाहिए, लेकिन यहां मेरा राजा बालहठ कर रहा है। यूपी सरकार पर सवाल उठाते हुए कफील खान (Dr Kafeel Khan) ने कहा कि जिस भाषण को भड़काऊ बताकर मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई, वह दिंसबर 2019 का था और मेरी गिरफ्तार 29 जनवरी को हुई है। मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी कि मेरे भाषण को भड़काउ बताकर एफआईआर दर्ज की गई है और न ही मुझसे किसी तरह के सवाल पूछे गए।