उत्तर प्रदेश : योगी सरकार ने साल की शुरुआत में पुलिस विभाग में बड़ा फ़ेरबदल कर दिया है. विभाग में 7 आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर कर दिए गए हैं. काफ़ी समय से विवादों में रहे कानपुर के पुलिस कमिश्नर आरके स्वर्णकार को हटाकर अखिल कुमार को कानपुर का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है. स्वर्णकार पर भ्रष्टाचार, पत्रकारों से बदसलूकी जैसे तमाम आरोप लग चुके हैं. अब इन्हें कमिश्नर की पोस्ट से हटाकर पुलिस लाइन भेजा गया.
थानेदारों की ट्रांसफ़र पोस्टिंग में घूसख़ोरी का आरोप
स्वर्णकार पर थानेदारों की ट्रांसफ़र पोस्टिंग में भ्रष्टाचारी के आरोप लगे थे. यह मामला तब प्रकाश में आया जब कानपुर में तैनात इंस्पेक्टर अरुण ने अपने मन की कोतवाली में ट्रांसफ़र के लिए आरके स्वर्णकार को सब्बीर नाम के व्यक्ति के माध्यम से 8 लाख रुपये दिए थे. चूंकि सब्बीर और कमिश्नर के बीच पारिवारिक संबंध है. लेकिन इन सबकी प्रक्रिया के बीच अरुण का ट्रांसफ़र प्रयागराज कर दिया गया. जब ट्रांसफ़र अरुण के अनुरूप नहीं हुआ तो उसकी पत्नी ने सब्बीर के घर के बाहर काफ़ी हंगामा किया. रातभर पंचायत चलने के बाद सब्बीर ने अरुण को आधे रुपये यानि 4 लाख लौटा दिए. जब इस घटना का ज़िक्र पुलिस महकमा में हुआ तो जिस-जिसने ट्रान्सफर के लिए पैसे दिए थे सभी उसके घर मांगने चले गए. बात को बढ़ते देख पुलिस ने सब्बीर को गिरफ़्तार कर लिया. इसी बीच स्वर्णकार का नाम भी घूसख़ोरी के मामले में चर्चा में आया.
पत्रकारों से बदसलूकी एवं वाहनों की चेकिंग का आरोप
आर के स्वर्णकार पर पत्रकारों से बदसलूकी एवं उनके वाहनों की वेवजह चेकिंग के आरोप भी लगे हैं. आईपीएस स्वर्णकार ने 21 अगस्त 2023 को कानपुर के कमिश्नर का चार्ज संभाला था. सबसे पहले उन्होंने पत्रकारों को ही अपने टारगेट पर ले लिया. उन्होंने कमिश्नर ऑफिस में बने प्रेस रूम को रातों रात आगंतुक कक्ष बना दिया. साथ ही उन्होंने प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष समेत कई पत्रकारों की गाड़ियों के चालान काटने का आदेश दे दिया. जिसको लेकर सभी जर्नलिस्ट सड़को पर उतर आए हालांकि बाद में काफी दबाब के चलते उन्हें यह आदेश बापिस लेना पड़ा.