नई दिल्ली: कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने पांच दलित नेताओं को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी तथाकथित ‘शहरी नक्सली समर्थकों’ के खिलाफ एक बड़े अभियान के तहत बुधवार को महाराष्ट्र और नई दिल्ली में की गई है। गिरफ्तार लोगों में मुंबई के सुधीर धवले, नागपुर के वकील सुरेंद्र गाडलिंग और दिल्ली के कार्यकर्ता रोना जैकब विल्सन शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस ने नागपुर में शोमा सेन और मुंबई में महेश राउत को भी गिरफ्तार किया है।
विल्सन (47) को महाराष्ट्र और दिल्ली पुलिस द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान के तहत दक्षिणी दिल्ली के एक इलाके से गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली पुलिस उपायुक्त संजीव यादव ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र विल्सन मुनिरका के पास एक डीडीए फ्लैट में छिपे हुए थे।
गिरफ्तार लोगों में धवले मराठी पत्रिका ‘विद्रोही’ के संपादक हैं। गाडलिंग ने प्रमुख नक्सली कार्यकर्ता जी.एन. साईबाबा की तरफ से न्यायालय में पेश हुए थे और कबीर कला मंच को कानूनी सहायता मुहैया कराई थी। इसी मंच ने एलगार परिषद का आयोजन किया था।
राउत प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास का फेलो रह चुके हैं, और उन पर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सली समूहों से संबंध रखने के आरोप हैं।
पिछले साल अप्रैल में पुणे पुलिस ने देश के विभिन्न हिस्सों में इन सामाजिक कार्यकर्ताओं के घरों और कार्यालयों पर छापे मारे थे और विभिन्न गतिविधियों में उनकी भागीदारी के लिए उनसे पूछताछ भी की थी।
वहीं जिग्नेश मेवानी ने इन गिरफ्तारियों पर सवाल खड़ा करते हुए इन्हें अंबेडकवादी आंदोलन पर हमला बताया है। मेवानी ने ट्वीट कर लिखा, “महाराष्ट्र पुलिस ने मुंबई में अंबेडकरवादी कार्यकर्ता और संपादक सुधीर धावले, नागपुर में वकील सुरेंद्र गाडलिंग और दिल्ली में रोना विल्सन को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों पर यूएपीए के सख्त कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि भीमा कोरेगांव का अपराधी मनोहर भिड़े आजाद घूम रहा है।”
Attack on Ambedkarite movement : Maharashtra police has arrested Ambedkarite activist & editor Sudhir Dhawale in Mumbai, advocate Surendra Gadling in Nagpur and Rona Wilson in Delhi. All 3 booked under draconian UAPA while Bhima Koregaon culprit Manohar Bhide roams scot free.
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) 6 June 2018
बता दें पिछले साल 1 जनवरी को पुणे के कोरेगांव में भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस कार्यक्रम में गुजरात के दलित नेता व विधायक जिग्नेश मेवानी, जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद, छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और भीम सेना के अध्यक्ष विनय रतन सिंह शामिल हुए थे।