माइग्रेन आजकल की लाइफस्टाइल में एक आम बीमारी है. इस बीमारी में सिर में असहनीय दर्द होने लगता है. चूंकि ये कभी-कभी होता है इसलिए कई लोग इसे सामान्य सिर दर्द समझकर टालते रहते हैं. दरअसल लोगों को माइग्रेन के बारे में सही जानकारी ही नहीं होती है. हमारे डेली रूटीन में कुछ ऐसी चीजें हैं जिनकी वजह से ये दर्द होने लगता है. इन्हें ट्रिगर्स कहते हैं जो माइग्रेन के लिए जिम्मेदार होते हैं. आइए हम आपको कुछ ट्रिगर्स के बारे में बताते हैं जिनकी वजह से आपको माइग्रेन का दर्द होने लगता है.
खाने में कृत्रिम चीजों का इस्तेमाल
आजकल खाने में स्वाद, रंग और फ्लेवर बढ़ाने के लिए कई कृत्रिम चीजों काइस्तेमाल होने लगा है। खाने में कृत्रिम मीठेपन के लिए एस्परटेम और फ्लेवर बढ़ाने वाले मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) माइग्रेन को निमंत्रण देते हैं। एस्परटेम पर किये गए प्रयोग के विरोधी परिणाम सामने आए हैं। हालांकि माइग्रेन के रोगियों में इसकी भूमिका से जुड़े कुछ सवाल अनसुलझे हैं लेकिन कुछ ऐसे भी सबूत हैं जहां एस्परटेम की वजह से लोग माइग्रेन का शिकार हुए हैं। MSG पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि MSG की वजह से सिर और चहरे में दर्द रहने लगता है, जो माइग्रेन का कारण बन सकता है।
भूख और डिहाइड्रेशन
अक्सर आपने अनुभव किया होगा कि भूखे रहने से आपके सिर में दर्द होने लगता है। अध्ययन के मुताबिक खाने में अनियमितता बरतना माइग्रेन का कारण बन जाता है। ये बॉडी में ब्लड ग्लूकोज लेवल के गिरने की वजह से होता है। सिर्फ खाना ही नहीं कम पानी पीने के कारण भी माइग्रेन होता है। माइग्रेन से ग्रस्त मरीजों सर्वे में ये बात सामने आई है कि 40 प्रतिशत लोगों में माइग्रेन का शुरुआती कारण पर्याप्त पानी न पीना ही था।
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चाय और कॉफी का सेवन
अक्सर तनाव की स्थिति में या काम के दबाव में हम अच्छा फील करने के लिए ज्यादा चाय और कॉफी पीने लग जाते हैं। चाय और कॉफी में काफी मात्रा में कैफीन होता है, जो माइग्रेन का कारण बन जाता है। इसलिए जरूरी है कि चाय, कॉफी और कैफीन युक्त ड्रिंक्स लेने की मात्रा को सीमित करें। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये ड्रिंक्स आपको इंस्टेंट एनर्जी तो देते हैं लेकिन बाद में ये शरीर को काफी नुकसान करते हैं।
ज्यादा दवाओं का इस्तेमाल
अगर आप जरा-जरा सी बात पर दवाएं लेने के आदी हैं तो सचेत हो जाइए क्योंकि ज्यादा दवाओं का इसतेमाल करने से भी आपको माइग्रेन हो सकता है। दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से सिर में दर्द रहने लगता है और व्यक्ति चिड़चिड़ा महसूस करने लगता है।
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एल्कोहल का सेवन
माइग्रेन का एक मुख्य कारण शराब ज्यादा पीना भी है। ब्राजील में किए गए अध्ययन में पाया गया कि माइग्रेन के एक तिहाई मरीजों में माइग्रेन का कारण अधिक शराब का सेवन था। एल्कोहल के स्त्रोत में रेड वाइन महिलाओं में माइग्रेन के लिए विशेष तौर पर जिम्मेदार होती है। अध्ययन के मुताबिक रेड वाइन वाइन की वजह से 19.5 फीसदी पुरुषों और महिलाओं में माइग्रेन की समस्या देखी गयी। वहीं 10.5 फीसदी लोगों में माइग्रेन के लिए व्हाइट वाइन जिम्मेदार थी।
तेज खुशबू और बदबू
तेज खुशबू या बदबू से आपको माइग्रेन हो सकता है। अगर आप तेज और तीखी गंध वाले परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं या आप ऐसे माहौल में रहते हैं जहां बदबू आती रहती हो तो ये धीरे-धीरे माइग्रेन की समस्या का कारण बन जाता है। एक अध्ययन के अनुसार माइग्रेन से ग्रस्त लगभग 50 प्रतिशत मरीजों का कहना था कि उन्हें माइग्रेन के दौरान किसी भी प्रकार की तेज गंध बर्दाश्त नहीं होती है।
सही से नींद न लेना
नींद में होने वाली समस्या माइग्रेन के सामान्य कारणों में से एक है। कम नींद आना या पर्याप्त नींद न लेने की वजह से माइग्रेन हो सकता है। एक व्यक्ति को औसतन 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए इससे कम या ज्यादा नींद दोनों ही माइग्रेन की वजह हो सकते हैं। जैट लेग और काम के शेड्यूल में अचानक बदलाव से भी माइग्रेन की समस्या हो जाती है। इंसोम्निया नींद से जुड़ी बीमारी है जो पुराने माइग्रेन की वजह से हो जाती है। काफी समय से माइग्रेन की समस्या से जूझ रहे मरीज जो इंसोम्निया के भी शिकार हैं उनमें घबराहट और डिप्रेशन की समस्या बढ़ जाती है।
तनाव
काम के बोझ और भाग दौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोगों में तनाव की समस्या हो जाती है. शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के तनाव माइग्रेन का मुख्य कारण हैं। डेनिस के शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादातर माइग्रेन के मरीजों का मानना है कि तनाव माइग्रेन का शुरुआती कारण है। कई शोधकर्ताओं के अनुसार 50 से 80 प्रतिशत माइग्रेन के रोगियों का कहना है कि उन्हें तनाव के चलते माइग्रेन की समस्या रहती है। कुछ रोगियों में किसी तनावपूर्ण घटना के बाद माइग्रेन की समस्या देखी गयी।