शरीर का तापमान 98.6 डिग्री सेल्सियस होता है, उसके हिसाब से हमारे शरीर के लिए 20-22 डिग्री तापमान का पानी उपयुक्त है, उससे अधिक ठंडा पानी हानिकारक है. दिन में कम से कम रोज़ 8 गिलास पानी पीना चाहिए। इससे आपका डायजेस्टिव सिस्टम, स्किन और बाल हेल्दी रहते हैं. पानी शरीर से बेकार पदार्थ बाहर निकालता है।
जब ज्यादा गर्मी होती है तो लोग बर्फ का ठंडा–ठंडा पानी पीना शुरू कर देते हैं. जबकि बिल्कुल ठंडा पानी कभी नहीं पीना चाहिए। यह ठंडा पानी पित्ताशय के लिए अत्यधिक हानिकारक है. धूप से या बाहर से आकर तुरंत बिल्कुल भी ठंडा पानी ना पिएं। ठंडा पानी पीना भविष्य में अधिक नुकसानदायक साबित हो सकता है।
पाइल्स
ठंडा पानी शरीर में मल को जमा देता है और आंतो को कड़क कर देता है| इस वजह से पाचन के दौरान खाना आसानी से मूव नही कर पाता जो अंत में पाइल्स या बड़ी आंत से सम्बन्धित रोगों का सबसे बड़ा कारण बनता है. इससे मल कठोर हो जाता है.
वजन बढ़ना
खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी पीने से पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है| इसका हमारे मेटाबालिज्म पर बुरा असर होता है| जिससे बॉडी में फैट जमा होने लगता है|
हार्ट डिजीज
ठंडा पानी पीने से ब्लड नर्व्स सिकुड़ जाती हैं, इसलिए हार्ट को ब्लड पम्प करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से हार्ट पर जोर पड़ता है और हार्ट बीट धीमी पड़ने लगती है। इस कारण भविष्य में हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है।
पाचन समस्या
ठंडा पानी पीने से शरीर की नर्व्स सिकुड़ सिकुड़ जाती हैं। नर्व्स सिकुड़ के सिकुड़ जाने से पाचन की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। इस वजह से कब्ज, खट्टी डकारें और एसिडिटी की शिकायत हो जाती है।
पोषक तत्वों में कमी
जब आप कोई ठंडी चीज़ या फ्रिज का ठंडा पानी पीते हैं तो उससे शरीर पूरी तरह से ठंडा हो जाता है। ऐसे में शरीर के तापमान के साथ वस्तु के तापमान को सामान्य स्तर तक बैठाने के लिए शरीर को कुछ एक्सट्रा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। और शरीर ये ऊर्जा भोजन के पाचन तथा पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए खर्च होने वाली ऊर्जा में से लेता है। जिससे कि शरीर खाद्य पदार्थ से सही से पोषक–तत्व अवशोषित नहीं कर पाता।
सिरदर्द
ठंडा पानी पीने के बाद शरीर का टेम्प्रेचर अचानक से बदलता है, इसका बुरा असर सीधा हमारे दिमाग पर पड़ता है। इस वजह से सिर दर्द होने की समस्या हो सकती है।
सर्द-गर्म
गर्मी में बाहर से आने पर अचानक से ठंडा पानी पी लेने से बॉडी टेम्प्रेचर गिर जाता है। इस वजह से चेस्ट में कफ जमने लगता है और सर्दी जुकाम और गले में खराश हो जाती है।