काली मिर्च भोजन में इस्तेमाल होने वाले गरम मसाले का अहम हिस्सा होती है। इसलिए इसे किंग ऑफ स्पाइस के नाम से भी जाना जाता है। काली मिर्च लाल मिर्च से ज्यादा फायदेमंद होती है इसलिए मसालों में लाल मिर्च के बजाय काली मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है। काली मिर्च में एंटी बैक्टेरियल गुण होते हैं यह शरीर को बीमारियों से बचाती है और सभी प्रकार के बैक्टेरिया और वायरस का नाश कर देती है।
1.पेट के रोगों में
काली मिर्च के कारण पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड ज्यादा पैदा होता है, जो पाचन में मददगार होता है। यूनानी मतानुसार काली मिर्च के सेवन से पेट दर्द, बदहजमी, कब्ज और एसिडिटी में लाभ होता है। पेट में गैस की समस्या होने पर एक कप पानी में आधा नींबू का रस, आधा चम्मच पिसी काली मिर्च और आधा चम्मच काला नमक मिला कर पिएं। कब्ज होने पर 4-5 काली मिर्च के दाने दूध के साथ रात में लेने से आराम मिलता है। उल्टी-दस्त होने पर 5-5 ग्राम काली मिर्च, हींग और कपूर मिलाएं। छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इन्हें हर 3 घंटे बाद सेवन करें। बदहजमी होने पर नींबू के आधे टुकड़े के बीज निकाल कर काली मिर्च और काला नमक भरें। इसे तवे पर थोडम गर्म करके चूसें।
2. आंखों के लिए
कालीमिर्च खाने से आंखों की रोशनी बढ़ जाती है। भुने आटे में देसी घी, काली मिर्च और चीनी मिला कर रख लें। सुबह-शाम 5 चम्मच मिश्रण को दूध के साथ लें। अगर आपको चश्मा लगता है तो जल्द उतर जाएगा।
3. मुंह के रोगों में
अगर आपको मुंह से संबंधित कोई समस्या है, आपके मुंह से बदबू आती है, मसूड़ो में सूजन है या आपको पायरिया है तो काली मिर्च फायदेमंद हो सकती है। मुंह से बदबू आती है तो दो काली मिर्च के दाने रात को ब्रश करने से पहले चबा लें। नमक के साथ काली मिर्च मिलाकर दांतों में मंजन करने से मसूड़ो की सूजन कम होती है, पायरिया ठीक होता है और दांतों में चमक आती है।
4. दिमाग होगा तेज
शहद में कालीमिर्च पीसकर रोज खाने से दिमाग तेज होता है और स्मरण शक्ति बढ़ती है। अधासी या सिर दर्द होने पर भी इससे लाभ होगा।
5. खांसी जुकाम होने पर
खांसी जुकाम और सर्दी होने पर कालीमिर्च के सेवन से तेजी से फायदा होता है। काली मिर्च की तासीर गर्म होती है जो हमें सर्दी से बचाती है। सर्दी, जुकाम-खांसी होने पर 8-10 काली मिर्च, 10-15 तुलसी के पत्ते मिलाकर चाय बनाकर पीने से आराम मिलता है। खांसी में काली मिर्च, पीपल और सोंठ बराबर मात्रा में पीस लें। तैयार 2 ग्राम चूर्ण शहद के साथ दिन में 2-3 बार चाटें। 4-5 काली मिर्च के दाने करीब 15 दाने किशमिश के साथ खाने से खांसी में लाभ होता है।
6. नाक की एलर्जी में
नाक में एलर्जी होने पर 10-10 ग्राम सोंठ, काली मिर्च, पिसी इलायची और मिश्री को पीस कर चूरन बना लें। इसमें बीज निकला 50 ग्राम मुनक्का और तुलसी के 10 पिसे पत्ते डालकर अच्छी तरह मिला लें। इस मिश्रण की 3-5 ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें और सुबह-शाम 2-2 गोलियां गर्म पानी के साथ लें।
7. गला बैठने पर
काली मिर्च को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज सुरीली हो जाती है। आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करें, इससे गले का संक्रमण भी खत्म हो जाएगा।
8. मांसपेशियों में दर्द होने पर
काली मिर्च में मौजूद पिपेरीन के कारण रक्तसंचार बढ़ता है। इससे मांसपेशियों के दर्द से निजात मिलता है। तेल को हल्का गर्म कर के उसमें काली मिर्च मिलाएं और पीठ और कंधों की इससे मालिश करें। गठिया रोग में भी काली मिर्च काफी फायदेमंद साबित होती है।
9. त्वचा में निखार के लिए
मोटी पिसी काली मिर्च को चीनी और तेल के साथ मिला कर, इसे चेहरे पर मलें। इससे ना केवल चेहरे की गंदगी हटेगी, बल्कि काली मिर्च के कारण रक्तसंचार भी तेज होता है जिससे चेहरे पर निखार आता है। त्वचा पर कहीं भी फुंसी होने पर काली मिर्च पानी के साथ पीस कर लगाने से फुंसी दब जाती है।
10. डिप्रेशन कम करे
काली मिर्च के इस्तेमाल से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन बनता है, जो अच्छे मूड के लिए जिम्मेदार होता है। सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ने से डिप्रेशन में भी फायदा मिलता है। इसलिए अपने रोज के खाने में काली मिर्च का इस्तेमाल करें और खुश रहें।