चित्रकूट: बुंदेलखंड के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. चाहे फ़िर वो किसी भी क्षेत्र में हो. ऐसा ही एक कारनामा करके दिखा रहे हैं चित्रकूट के रहने वाले इंद्र कुमार मौर्य. चित्रकूट ज़िले के मऊ तहसील में रहने वाले किसान इंद्र कुमार मौर्य ने ITI की पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने TATA MOTORS में 8 महीने नौकरी की, नौकरी में मन नहीं लगा तो वो घर वापिस आ गये. अपने पिता के साथ मिलकर नयी तकनीक से खेती कर रहें हैं.
पानी बुंदेलखंड के किसानों की सबसे बड़ी समस्या
इंद्र कुमार के पास 6 बीघा ज़मीन है. जिसमे 3.5 बीघा में करेले की खेती करते हैं और बाक़ी के हिस्से में टमाटर और अन्य सब्ज़ियों की. इंद्र कुमार कहते हैं की पानी बुंदेलखंड के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है. इससे निपटने के लिए उन्होंने ड्रिप इरीगेशन को अपनाया. लेकिन यहाँ एक और समस्या छुट्टा पशुओं की है, जिससे बचने के लिए वे काफी प्रयास कर रहे हैं.
लोग कहते हैं करेला किंग
“पहले हमारी सालाना कमाई सिर्फ़ 2.5 लाख रुपये थी लेकिन जब से करेले की खेती शुरू की है उनकी कमाई बढ़ के 4 लाख रुपये हो गई है”. शानदार क्वालिटी होने की वजह से इनके करेले की डिमांड अब दूसरे ज़िलों में भी हो रही है, स्थानीय किसान और व्यापारी इन्हें “करेला किंग” कहकर बुलाते हैं.