लखनऊ: योगी सरकार 21 अक्टूबर को स्मृति दिवस के मौके पर राज्य में दो नए पुलिस ट्रेनिंग सेंटर खोले जाने की घोषणा कर सकती है। इसमें पहला ट्रेनिंग सेंटर बुंदेलखंड में और दूसरा ट्रेनिंग सेंटर पूर्वांचल में खोला जाना प्रस्तावित है। इनमें पुलिस में भर्ती होने वाले नए रंगरूटों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इतना ही नहीं सिपाहियों के बैरक और आवास को लेकर भी इस दिन अहम घोषणा हो सकती है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ही लोकभवन में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी ओपी सिंह, एडीजी संजय एम तरडे और सचिव वित्त अलकनंदा दयाल के साथ प्रदेश में दो नए ट्रेनिंग सेंटर खोलने को लेकर चर्चा कर चुके हैं। इसके अलावा अधिकारियों ने सिपाहियों की असुविधाओं और उन्हें मिलने वाले भत्तों और सुविधाओं के बारे में भी मुख्यमंत्री से चर्चा की। इस संबध में पुलिस और गृह विभाग के अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन भी दिया। अब अंतिम फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर है।
ट्रेनिंग क्षमता तीन गुना बढ़ाने की तैयारी
हाल ही में लखनऊ के गोमती नगर में हुए विवेक तिवारी एनकाउंटर के बाद से ही सिपाहियों की खराब ट्रेनिंग को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। खुद डीजीपी ओपी सिंह इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि ट्रेनिंग का स्तर ठीक नहीं है और इसमें काफी सुधार की जरूरत है। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में अफसरों ने ट्रेनिंग की क्षमता तीन गुना करने का प्रस्ताव रखा है।
बता दें फिलहाल यूपी के ट्रेनिंग सेंटर में 5790 को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। बाकी लोगों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए पैरा मिलट्री फोर्स के दूसरे राज्यों में बने ट्रेनिंग सेंटर्स की मदद लेनी पड़ती है। वर्तमान में 30 हजार से ज्यादा सिपाहियों की ट्रेनिंग चल रही है और 40 हजार से ज्यादा की भर्ती प्रस्तावित है। ऐसे में प्रशिक्षण की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए राज्य में नए ट्रेनिंग सेंटर खोलना बेहद जरूरी है।
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