मथुरा प्रसाद महाविद्यालय प्रबंध समिति का बना रहेगा अस्तित्व-प्रबंधक केदारनाथ

जालौन: लंबे समय से विवादों में चल रही मथुरा प्रसाद महाविद्यालय प्रबंध समिति को उच्च न्यायालय से थोड़ी राहत मिल गई है. प्रबंध समिति को कालातीत बताकर कंट्रोलर नियुक्त करने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है जिससे प्रबंध समिति फिलहाल अस्तित्व में बनी रहेगी. महाविद्यालय परिसर में बुलाई गई पत्रकार वार्ता में प्रबंध समिति के प्रबंधक केदारनाथ सिमिरिया, मंत्री ओमशंकर अग्रवाल एडवोकेट व समिति के अन्य लोगों ने बताया कि उच्च न्यायालय में एक दायर रिट याचिका में कहा गया था कि वर्तमान प्रबंध समिति कालातीत है और अवैध है इसलिए महाविद्यालय में साधिकार नियंत्रक नियुक्त करने और वर्तमान प्रबंध समिति को प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य करने से रोका जाए.
इस संदर्भ में न्यायमूर्ति मंजीत शुक्ला की अदालत ने 8 मई को बहस सुनने के पश्चात निर्णय सुरक्षित रख लिया था. हाल ही में आए निर्णय में उन्होंने स्पष्ट कहा है कि वर्तमान प्रबंध समिति ने कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व से ही चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन कतिपय कारणों और कुछ याचिकाओं के लंबित होने के चलते चुनाव नहीं हो सके. सोसायटी के संविधान के नियम संख्या 9 में किए गए प्रावधानों के मद्देनजर सोसायटी की प्रबंध समिति अपने प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्यों का निर्वहन जिस सोसायटी / महाविद्यालय की नई प्रबंध समिति के चुनाव होने तक तथा नव निर्वाचित प्रबंध समिति के कार्यभार ग्रहण करने तक कर सकती है.
इस दौरान कनिष्ठ उपाध्यक्ष हरीशंकर लोहिया, कोषाध्यक्ष शिव कुमार निरंजन, सदस्य प्रतिपाल सिंह गुर्जर, केशव बबेले, सुशील दूरवार, प्राचार्य डॉ. विजय विक्रम सिंह, दी लिपिक सुनील निरंजन आदि मौजूद रहे.

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आदित्य हृदय नवोदित पत्रकार हैं. सामाजिक मुद्दों में विशेष रुचि रखते हैं.

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