सागर: बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, सागर में जल्द ही आंख, नाक और गला (ईएनटी) विभाग के अधीन टेम्पोरल बोन लैब बनने जा रही है । यह बुंदेलखंड क्षेत्र की पहली लैब होगी जहां ईएनटी विशेषज्ञों को जटिल सर्जरी के लिए प्रशिक्षित किया जा सकेगा। इस लैब के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपए जारी कर दिए गए हैं। पीडब्ल्यूडी को लैब बनाने के लिए तकनीकी रूप से नक्शा और प्लान दे दिया गया है। इसे मेडिकल कॉलेज में ईएनटी विभाग और वार्ड के पास खाली जगह में बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है।
लैब तैयार होने के बाद क्षेत्र के जिला अस्पतालों और नए मेडिकल कॉलेज में आने वाले विशेषज्ञों को टेम्पोरल बोन से जुडी जटिल सर्ज़री करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण के बाद जिला अस्पतालों में ही कान के पर्दे, कान की हड्डी से जुड़े ऑपरेशन संभव हो सकेंगे।
बीएमसी में ईएनटी विभागाध्यक्ष प्रो. एसके पिप्पल ने कहा कि, लैब शुरू होने के बाद टेम्पेलोप्लास्टी (कान के पर्दे के ऑपरेशन), मेसटॉयडेक्टामी (कान की हड्डी के ऑपरेशन) और ओसीक्लोप्लास्टी (कान की छोटी हड्डी का ऑपरेशन) जैसे मेजर ऑपरेशन की ट्रेनिंग पहले मॉडल या डमी पर, फिर मरीज पर दी जाएगी। भविष्य में लैब में ट्रेनिंग प्रोग्राम और कोर्स भी शुरू होंगे।
जिला अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों को इस प्रशिक्षण की आवश्यकता है क्योंकि अभी बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसी भी जिला अस्पताल में टेम्पोरल बोन या कान की जटिल सर्जरी नहीं की जाती। ईएनटी में एमएस करने या डिप्लोमा करने के बावजूद डॉक्टरों को टेम्पोरल बोन जैसे ऑपरेशन करने में परेशानी आती है। सही ऑपरेशन न होने से मरीज मानसिक रूप से अपंग भी हो सकता है। इसीलिए इन डॉक्टरों को प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इस तरह की सर्जरी को सीधे मरीज पर नहीं सिखाई जा सकती इसलिए लैब में सिम्युलेटर पर या डिस्कशन टेम्पोलर बोन पर सर्जरी की विधि सिखाई जाती है।