जालौन: जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में आईजीआरएस की समीक्षा व कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुआ. जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा कि आईजीआरएस प्रकरणों का निस्तारण स्थलीय निरीक्षण कर ही निस्तारण करे और समस्याओं का निस्तारण आख्या से अवगत भी कराया जाए. किसी भी दशा में प्रकरण डिफाल्टर नहीं होना चाहिए नहीं तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे.
उन्होंने कहा कि आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त हो रहे संदर्भों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किए जाने हेतु शासन द्वारा समय-समय पर गाइडलाइन व शासनादेश निर्गत किए जाते हैं. इसके बावजूद भी अधिकांश विभागों द्वारा शत प्रतिशत पालन नहीं किया जाता है संदर्भों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण न किए जाने से कई बार उच्चाधिकारियों द्वारा जनपद में निस्तारित संदर्भों का श्रेणी करण किए जाने के दौरान आख्या संतोषजनक एवं अंतरिम होने पर संदर्भ सी- श्रेणी कृत कर दिए जाते हैं. जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों तथा तहसीलदारों को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्र में राजस्व के जो भी प्रकरण है उनका शासन की मंशा के अनुरूप निस्तारण कराए जिन विभागों के कंप्यूटर ऑपरेटर निस्तारण में सही कार्य न कर रहे हों तो उनको तत्काल हटाया जाए. उन्होंने कहा कि आईजीआरएस निस्तारण पर कहां पर कमियां होती है इसको लेकर आज यह कार्यशाला आयोजित की गई है सभी संबंधित अधिकारी तथा कंप्यूटर ऑपरेटर अच्छी तरह से समझ ले और समय से आवेदन पत्रों का निस्तारण शासन की मंशा के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण कराएं.
जनपद स्तरीय अधिकारियों एवं अधीनस्थों को यूजर्स प्रोफाइल का विवरण सत्यापन कराया जाने ऑनलाइन सीएम हेल्पलाइन संदर्भ पोर्टल पर संदर्भ प्राप्त होने की स्थिति जनसुनवाई समाधान प्रणाली आख्या में आपत्ति स्थल निरीक्षण विकल्प का चयन किया जाना. निषेधित विषयों का चयन माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जनसुनवाई संदर्भों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु निर्गत दिशा निर्देश दिए आदि विभिन्न बिंदुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संजय कुमार, नगर मजिस्ट्रेट अजीत कुमार जायसवाल, समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, सहित सम्बंधित अधिकारी व कम्प्यूटर ऑपरेटर मौजूद रहे.