छतरपुर: बुंदेलखंड के छतरपुर जिले का लाल अब आमिर खान के फ़िल्म प्रोडक्शन में काम करता हुआ नज़र आएगा. छतरपुर के प्रांजल पटेरिया आमिर खान की कॉमेडी फ़िल्म में नज़र आएंगे. प्रांजल आमिर खान प्रोडक्शन की कॉमेडी फ़िल्म लापता लेडीज़ में बुंदेलखंड के नाम रोशन करते हुए अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाएँगे. ऐसा माना जाता है कि हर साल हज़ारों युवा आंखों में एक्टिंग का सपना लेकर मुंबई जाते हैं. लेकिन उनमें से अधिकतर को निराशा ही हाथ लगती है. हर कलाकार का सपना होता है कि एक बार बड़े पर्दे पर नज़र आएं. लेकिन यह सपना तभी साकार होता है जब मेहनत और क़िस्मत का मिलन हो जाता है. इस फ़िल्म में उनका चयन होने से उन्होंने केवल छतरपुर ही नहीं बल्कि समूचे बुंदेलखंड का नाम रोशन कर दिया.
स्कूल के समय से ही था एक्टिंग का जुनून
प्रांजल ने बताया कि उसे स्कूल के समय से ही एक्टिंग का बेहद शौक था. इन्होंने राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय से रंगमंच के क्षेत्र में स्नातक किया. प्रांजल ने गांधी आश्रम में लगने वाली कार्यशाला में शामिल होकर बारीकियों को सीखा और फ़िर छतरपुर में विभिन्न ज़गह अभिनय करके और भी अपने आप को निखारा.
क्या बोले माता-पिता?
प्रांजल के पिता गुड्डू पटेरिया और माता ममता पटेरिया छतरपुर में शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं. उन्हें जैसे ही इस बात की ख़बर लगी कि प्रांजल अब बॉलीवुड में एंट्री करने वाला है. उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया. साथ ही प्रांजल के घर पर भी बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. प्रांजल के पिता ने बताया कि वह शुरू से ही अपने काम के प्रति लगनशील था जिसका नतीजा आज सबके सामने है. आने वाले समय में प्रांजल की और भी फिल्में प्रोडक्शन से लॉन्च होने वाली हैं.
फ़िल्म में निभा रहे हैं एक्टर के दोस्त का रोल
रंगमंच से अपने अभिनय की शुरुआत करने वाले प्रांजल पहले भी कई ज़गह कार्य कर चुके हैं. प्रांजल ने सबसे पहले रंगमंच से शुरुआत की. उसके बाद उन्हें पुस्तक वेबसीरीज़ में काम करने का मौका मिला. उसके बाद इन्हें स्विगी के एक ऐड के लिए चुना गया. कोविड की कहानी पर बनी फ़िल्म माइनस 31 में प्रांजल ने एक पुलिस वाले का किरदार निभाया है. आमिर खान की फ़िल्म लापता लेडीज़ में वह एक्टर के दोस्त का रोल निभा रहे हैं. इस फ़िल्म में दो दुल्हनें आपस में बदल जाती है. फ़िर उसके बाद उनकी खोजबीन की जाती है. फ़िल्म में कॉमेडी व इमोशन का भयंकर तड़का लगता है. यह फ़िल्म एक मध्यमवर्गीय परिवार की मजेदार कहानी है.