पर्यावरण में योगदान देगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, साथ जुड़ेगी ये नई पहचान

Bundelkhand Expressway

उत्तर प्रदेश में फिलहाल कुल 15 एक्सप्रेसवे हैं. इनमें सबसे नया है बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) और अब  इसके साथ एक अनूठी पहचान भी जुड़ने जा रही है. यह देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे (Solar Expressway) बनने जा रहा है.  उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी यूपीडा (UPEIDA) इसे सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित कर रही है.

296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे के दोनों किनारों पर सोलर पैनल (Solar panel) लगाए जाने की योजना है.  इस परियोजना के पूरा होने से लगभग एक लाख घरों को बिजली सौर ऊर्जा के ज़रिए (Solar Energy) मिलेगी.  इसके लिए बड़े  पैमाने पर भूमि अधिग्रहण होना है जिसके लिए जगह चिह्नित करने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है.  साथ ही परियोजना को लेकर 8 सोलर पॉवर डेवलपर्स ने अपना प्रेजेंटेशन पूरा कर लिया है.

बुंदेलखंड इस प्रोजेक्ट के लिए है सबसे मुफीद

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे उपयुक्त है. इसका कारण ये है कि  यहां भूमि आसानी से उपलब्ध है। और यहां मौसम अधिकतर साफ और शुष्क रहता है.  इसके अलावा  यहां हर साल लगभग 800 से 900 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की जाती है. 

बता दें  बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सात जिलों से गुजरता है, जिसमें चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा शामिल हैं.यह चित्रकूट जिले के भरतकूप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से लेकर इटावा के कुदरैल गांव तक फैला है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे में मिलता है.

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