झांसी: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा टैबलेट एवं स्मार्टफोन वितरण को लेकर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रसाशन पर भेदभाव का आरोप लगाया है. अभी हाल ही में यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में छात्रों को टैबलेट वितरण किये गए जिसमें छात्रों ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने टैबलेट बांटने के लिए उनके नाम को राज्य सरकार को भेजे ही नहीं जिस वजह से उन्हें इस सुविधा का लाभ नही मिल सका. छात्रों ने कहा कि प्रसाशन ने केवल उनके ही नाम भेजे है जिनकी प्रोफेसर्स से अच्छी जान पहचान थी.
यह भी पढ़ें: बुंदेलखंड के एरच से शुरु हुई होली की प्रथा
कुछ दिन पहले हुए कार्यक्रम में जिसमे स्थानीय सांसद अनुराग शर्मा ने टैबलेट बांटे थे उसमें पत्रकारिता विभाग समेत कुछ अन्य विभागों के विद्यार्थियों को टैबलेट और स्मार्टफोन नहीं मिले थे. इससे नाराज छात्रों ने प्रशासनिक भवन के बाहर प्रदर्शन कर कुलसचिव का घेराव किया.पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों ने कुलसचिव को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि उन्हें टैबलेट और स्मार्टफोन क्यों नहीं दिए गए इसका कारण उन्हें बताया जाए अन्यथा छात्र आंदोलन को मजबूर होंगे.
यह भी पढ़ें: बुंदेलखंड की प्यास बुझानी है तो समझना होगा चंदेलों का जल नेटवर्क
इस मामले पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को समझाने की भी कोशिश की है. उन्होंने छात्रों को बताया कि टैबलेट किस विद्यार्थी को मिलेंगे यह राज्य सरकार द्वारा तय किया जाता है. इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं होती. विश्वविद्यालय सिर्फ प्राप्त सूची के हिसाब से टैबलेट और स्मार्टफोन बांटने का काम करता है.