जालौन : योगी सरकार जहाँ एक ओर पूरे प्रदेश में लाउडस्पीकर बंद होने का दावा ठोक रही है, वही जालौन में ये दावा फेल होता नजर आ रहा है.महाराष्ट्र के मुंबई से शुरू लाउडस्पीकर विवाद जिसके मुख्य चेहरे के रूप में मनसे प्रमुख राज ठाकरे उभरकर आये थे. यह विवाद धीरे धीरे करके पूरे देश में फ़ैल गया. जिसकी आंच उत्तरप्रदेश तक भी आई थी, जिसको लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार ने फैसला लिया था कि लाउडस्पीकर की आवाज धार्मिक स्थलों के बाहर नही आयेगी. जिस किसी भी धार्मिक स्थल से लाउडस्पीकर की आवाज आती है उसके ऊपर उचित कानूनी कार्यवाही होगी. लेकिन जालौन में तो कानूनी नियमों को तांक पर रखकर तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाए जा रहे, जिसको लेकर जालौन पुलिस प्रशासन भी चुप्पी साधे बैठा हुआ है.
यह भी पढ़ें : स्मॉल बिज़नेस के लिए GST रजिस्ट्रेशन करके GSTIN कैसे पाएं?
ध्वनि प्रदूषण से क्या क्या समस्या होती है?
ध्वनि प्रदूषण के कारण मनुष्य का स्वभाव काफी चिड़चिड़ा हो जाता है और उसके साथ-साथ उस मनुष्य के सर में दर्द बना रहता है.
ध्वनि प्रदूषण के कारण शहरी क्षेत्र के लोगों को अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें सर दर्द और बहरेपन की शिकायत सबसे अधिक है.
यदि कोई व्यक्ति अपने रोजमर्रा के जीवन में हमेशा तेज आवाज के संपर्क में रहता है, तो उस व्यक्ति के सुनने की शक्ति क्षीण हो जाती हैं और अनेक लोग तो ऐसे हैं, जो कि बहरेपन का भी शिकार हो जाते हैं.
प्राकृतिक तेज आवाज के कारण वन्य जीवन पर काफी बुरा असर पड़ता है.
प्रदूषण के कारण वन्यजीवों का जीवन संकट में पड़ सकता है.
सैनिकों के द्वारा समुद्रों में किए जाने वाले अभ्यास के कारण तेज आवाज उत्पन्न होती है, जिसके कारण ब्लू व्हेल भी विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी है.
ध्वनि प्रदूषण की सबसे प्रमुख समस्या छात्रों की पढाई न हो पाना एवं बुजुर्गों का स्वास्थ्य ख़राब होना.
यह भी पढ़ें : श्रीलंका संकट: राजपक्षे का इस्तीफा, पीएम विक्रमसिंघे बने अंतरिम राष्ट्रपति
निर्धारित समय पर बजें लाउडस्पीकर
लाउडस्पीकर को लेकर देश भर में बहुत ही भयंकर विवाद खड़ा हुआ था जिसको लेकर कोर्ट ने सरकारों को समय निर्धारित करने के आदेश दिए थे, लेकिन जालौन में न तो कोई समय है और न ही कोई निर्धारित आवाज क्षमता. रात को किसी भी समय तेज आवाज में स्पीकर बजने लगते है जिससे छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है. जिसको लेकर छात्र चिंतित है. ऐसे में जालौन प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लाउडस्पीकर को या तो बंद करा दिया जाये या फिर समय निर्धारित कर दिया जाये, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना न करना पड़े.