जालौन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन तो हो गया, लेकिन अब लोगों को या अन्य क्षेत्र में इससे क्या- क्या फायदे मिलने वाले हैं. उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण काम सरकार डिफेन्स कॉरिडोर को मजबूत करने के लिए फोकस कर रही है. महज 28 महीने में बनकर तैयार हुए 296 किलोमीटर लम्बे एक्सप्रेस-वे से सरकार रक्षा के क्षेत्र में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट ” जनरल बिपिन रावत डिफेन्स कॉरिडोर “को मुख्य रूप से फोकस करेगी. इससे झाँसी में बने हथियारों को पूरे उत्तर भारत के सेना कैंपो तक पहुंचाने में बहुत मदद मिलेगी.
मिराज, सुखोई जैसे विमानों की हो सकेगी इमरजेंसी लैंडिंग
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के बन जाने से सेना के फाइटर जेट आपात स्थिति में आसानी से लैंड कर सकेंगे, जिससे उन्हें दुर्घटना ग्रस्त होने से बचाया जा सकता है. वायुसेना अधिकतर एक्सप्रेस वे पर आपात हवाई पट्टियां तैयार कर रही है. उनमें से एक बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे भी है, जिससे फाइटर जेट स्मूथ तरीके से इमरजेंसी लैंडिंग कर सकेंगे.
हथियारों को जल्द पहुँचाने में मिलेगी मदद
एक्सप्रेस-वे के निर्माण से सेना के सुरक्षा उपकरणों को जल्दी पहुंचा सकेंगे, क्योंकि कानपुर, लखनऊ, ग्वालियर आदि जगहों पर सेना के कैम्प है. झांसी में डिफेंस कॉरिडोर के बन जाने से हथियार आसानी से सप्लाई हो सकेंगे, जिससे आतंकवाद और नक्सलवाद की कमर टूटेगी.
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एक्सप्रेस-वे पर होगी रिटायर्ड जवानों की तैनाती
एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा व्यवस्था के इंतज़ाम के लिए सेना के रिटायर्ड जवानों की तैनाती होगी.
सुरक्षा के लिए सेना के 22 जवान , 3 पुलिसकर्मी और कुछ अन्य स्टाफ हर 50 किलोमीटर की दूरी पर तैनात रहेंगे. जिनके रहने खाने की व्यवस्था भी वहीं होगी. आपात स्थिति आने पर जवान आपके लिए खड़े मिलेंगे.
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दिल्ली हेड क्वार्टर पहुंचने में लगेंगे केवल 6 घंटे
एक्सप्रेस-वे के बन जाने से सेना के ट्रक या अन्य सामान झाँसी कॉरिडोर से एक्सप्रेस-वे के जरिये दिल्ली हेडक्वार्टर केवल 6 घंटे में पहुंच जाएंगे. पहले बुंदेलखंड से दिल्ली पहुंचने में 9 घंटे लगते थे. अब एक्सप्रेस-वे के बन जाने से समय की बचत होगी और सेना के जवान आपात स्थिति में भी जल्दी पहुँचेंगे.