जालौन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 16 जुलाई को किया था, उसकी गुणवत्ता की जांच 4 दिन के अंदर ही हो गई. यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड की पहली बारिश भी न झेल पाया और 4 दिन के अंदर ही 2 फीट गहरा धंस गया. एक्सप्रेस-वे के क्षतिग्रस्त होने से एक कार हादसे का शिकार हो गयी कई गाड़ियां पलटते-पलटते बचीं व कई राहगीर घायल हो गए. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने कैथेरी में एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया था, जिसके बाद आम जनता के लिए एक्सप्रेस-वे खोल दिया गया था. जल्दबाजी में एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया गया था. कई जगहों पर निर्माण कार्य भी अधूरा था, जिसका परिणाम अब आम जनता भुगत रही है.
यह भी पढ़ें : बुंदेलखंड को मिला एक्सप्रेस-वे, जालौन के कैथेरी में मोदी ने किया उद्घाटन
जालौन के छिरिया में और अन्य जगहों पर धंसा एक्सप्रेस-वे
जालौन के छिरिया में सडक पर क़रीब 8 फ़ीट लम्बा व 1 फीट गहरा गड्ढा निकला. जानकारी मिलने के तत्काल बाद लेन को बंद कर दिया गया. आला अधिकारियों ने मौके पर जाकर फौरी तौर पर मरम्मत करा दी है. वहीं UPIEDA (यूपीडा) ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
एक्सप्रेस-वे पर रात को घूमते हैं अन्ना मवेशी
एक्सप्रेस-वे क्षतिग्रस्त होने के साथ साथ अन्ना मवेशी रात को अचानक गाड़ियों के सामने आ जाते है जो स्वयं दुर्घटना को न्योता दे रहे है. अगर एक्सप्रेस-वे का काम पूरी तरह नहीं हुआ था तो एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने की इतनी भी क्या जल्दी थी जो आम नागरिकों की मौत को न्योता दे रही है. एक्सप्रेस-वे 36 महीनों में बनकर तैयार होना था लेकिन वाहवाही लूटने के लिए इसे केवल 28 महीनों में ही तैयार कर दिया गया, जिसका परिणाम आप सभी के सामने है. भाजपा सरकार में इस तरह की अनियमितता बेहद शर्मनाक है.
यह भी पढ़ें : बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे होगा भारतीय सेना के कामों में मददगार, विमानों की होगी इमरजेंसी लैंडिंग
ख़राब सड़कों को बनाने की तैयारी थी: यूपीडा
मामले में यूपीडा के डायरेक्टर चंद्रभूषण ने बताया, “सड़क के ख़राब होने की जानकारी थी, मगर बुधवार को हुई बारिश के कारण काम अधूरा रह गया. जेसीबी से खुदवाकर काम शुरू करा दिया है और देर रात तक सड़क को सही कर लिया जायेगा, अभी फिलहाल केवल एक लेन खोल रखी है.”
भ्रष्टाचार की खुली पोल
राजस्थान की गावर कंपनी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया है जगह जगह पर गड्ढे होने की वजह से उनके कार्यों में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की पोल खुल गई. आखिरकार 4 दिन पहले बने एक्सप्रेस- वे जिसका उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री करने के लिए आये हो वो वो इतनी जल्दी क्षतिग्रस्त कैसे हो सकता है? एक्सप्रेस-वे का इस तरह क्षतिग्रस्त होना सरकार की भी एक नाकामी का एक जीता जागता सबूत है.