झांसी: बुंदेलखंड क्षेत्र के अंतर्गत झांसी जिले के बबीना स्थित सैन्य स्टेशन में सोमवार को भारतीय और रूसी सेना के बीच 10 वां संयुक्त सैन्याभ्यास ‘इंद्र-2018’ किया गया। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन और वैश्विक आतंकवाद से निपटना है।साथ ही माना जा रहा है कि इस अभ्यास से दोनों ही देशों की सेना के बीच रणनीतिक कौशल और दोस्ती मजबूत होगी।
इस अभ्यास कार्यक्रम का शुभारंभ मार्चपास्ट और झंडारोहण के साथ हुआ। भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर से भारत और रूस का ध्वज लहराया गया। परेड के बीच भारतीय बैंड पर ‘कदम से कदम मिलाए जा, खुशी के गीत गाए जा’ तथा ‘यहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा, यह भारत देश है मेरा’ की धुन बजाकर सेना का उत्साह व जोश बढ़ाया, तो रशियन आर्मी बैंड ने अपने देशभक्ति गीतों की धुन बजायी।
भारतीय सेना के मेजर जनरल मिन्हास ने कहा कि यह अभ्यास किसी देश संदेश देने के लिए नहीं है। यह वैश्विक आतंकवाद से मिलकर मुकाबला करने का परस्पर प्रशिक्षण है। दोनों देशों के बीच सेना का तालमेल अच्छा है और दोनों मिलकर युद्ध लड़ने में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, नौसेना व नेवी समय-समय पर विभिन्न देशों के साथ युद्ध अभ्यास करते रहे हैं और सभी का उद्देश्य होता है आतंकवाद का खात्मा।
रशियन फेडरेशन के इस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल मुसोविच ने कहा कि आपस में या फिर संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में होने वाले ऑपरेशन को इस प्रकार के सैन्य अभ्यास से मदद मिलती है। उन्होंने रूस सरकार व सेना की तरफ से भारतीय सेना व सरकार का आभार जताते हुए उम्मीद जताई कि सैन्य अभ्यास भविष्य में ऐसे ही चलते रहेंगे।
इस संयुक्त युद्ध अभ्यास में दोनों देशों के 250-250 सैनिकों ने हिस्सा लिया। साथ ही सैन्य अभ्यास में वन टू वन नोट-बीस टैंक, चार बोफोर्स तोप, एक सेना का हेलीकाप्टर, दर्जनों की संख्या में अत्याधुनिक स्टेनगन, दोनों देशों के तकरीबन पांच सौ सैनिक,भारत और रूस के सैन्य अधिकारी ज्वांइट आपरेशन में शामिल हुए।