महोबा: बुंदेलखंड राज्य निर्माण के लिए महोबा के आल्हा चौक में पिछले 122 दिन से चल रहे अनशन के समर्थन में शनिवार को वकील भी सड़क पर उतर आये।वकीलों ने बाइक रैली निकालकर नगर भ्रमण किया। जय-जय बुंदेलखंड के नारे लगाए और एसडीएम सदर को राष्ट्रपति के नाम से संबोधित ज्ञापन सौंपा।
अधिवक्ताओं का नेतृत्व कर रहे जिला अधिवक्ता समिति के पूर्व अध्यक्ष सुखनंदन सिंह यादव ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद घाटमपुर के रहने वाले हैं और उनकी तमाम रिश्तेदारियां हमारे क्षेत्र में हैं। वे हिन्दुस्तान के हृदयस्थल बुंदेलखंड के गौरवशाली अतीत से भी परिचित हैं और वर्तमान चिंताजनक हालत से भी। पूरा क्षेत्र उनका घूमा हुआ है। हम चाहते हैं कि वे बुंदेलखंड राज्य बनवाने के लिए मोदी सरकार से कहें।
अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि जिस तरह से बुंदेलखंड की सभी ऐतिहासिक विरासतों की उपेक्षा कर पूरे इलाके को खनन की खान में तब्दील किया जा रहा है। इसके बारे में सोच-सोचकर बुंदेलखंड वासियों की रूह कांपने लगती है, जिस बुंदेलखंड की आवोहवा भगवान राम को सबसे प्रिय थी और वनवास काल के 12 साल उन्होंने माता सीता व भाई लक्ष्मण के साथ यहां गुजारे, आज वहां कोई रहना नहीं चाहता। लोग यहां से भाग रहे हैं।
कृष्ण गोपाल द्विवेदी ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आज देश में सबसे ज्यादा पलायन बुंदेलखंड से हो रहा है। बाहर के बड़े-बड़े लोग बड़ी-बड़ी मशीनें लेकर यहां के हीरे-जवाहरात लूट रहे हैं और यहां के लोगों को दमघोटू माहौल दे रहे हैं। पहाड़ों व नदियों से निकलने वाली गिट्टी-बालू उनके लिए हीरे-जवाहरात बन गये हैं। बाहर के लोग यहां मालामाल हो रहे हैं और यहां के लोग काम की तलाश में शहरों में भटक रहे हैं। सिंचाई की सुविधाएं न होने के कारण किसान खेत-खलिहान और अपने जानवर छोड़कर चले गये हैं। आशीष शुक्ला ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का हाल भी यहां सबसे बुरा है। यूपी और एमपी जैसे दो बड़े राज्यों के बीच बुंदेलखंड बुरी तरह पिस रहा है। आम जनता अब ये मान चुकी है कि जब तक पृथक बुंदेलखंड राज्य नहीं बनेगा, यहां का भला नहीं होगा। बाहर के लोग इसे लूटकर खोखला जरूर कर देंगे।
बालेन्द्र यादव ने कहा कि महोबा में पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर बुंदेलखंड के हृदयस्थल महोबा में 28 जून से समाज सेवियों ने जो अनशन शुरू किया था, हम उसका पूरा समर्थन करते हैं और आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। बृज बिहारी व्यास ने कहा कि आज चरखारी, कुलपहाड़ समेत जिले के सभी अधिवक्ताओं की बाइक रैली उसी आंदोलन का हिस्सा है।
बाइक रैली दोपहर एक बजे जिला कचहरी से शुरू होकर परमानंद चौक, आल्हा चौक, तहसील चौराहा, मैन बाजार, ऊदल चौक होते हुए कचहरी पर ही समाप्त हुई। ऊदल चौक पर अजय बरसैया की अगुवाई में व्यापारियों ने माला पहनाकर वकीलों का स्वागत किया। बाबू लाल यादव ने कहा कि दिवंगत हो चुके बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष मुकुंद किशोर गोस्वामी (चरखारी) भी स्वयं वकील थे। बुंदेलखंड राज्य आंदोलन में कूदकर हम उनको सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहते हैं। रैली में राज कुमार राठौर, केदार नाथ, संतोष भार्गव, शेख रफीक सिद्दीकी, दशरथ व रघुनाथ प्रजापति, चंद्र भूषण राजपूत, देयम मिश्रा, राम आसरे गुप्ता समेत तमाम अधिवक्ता शामिल रहे।