ललितपुर: जिला अस्पताल में तैनात अधिकारी व कर्मचारी अपने बनाए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।अधिकतर कर्मचारी बिना एप्रिन व बिना आईकार्ड के कार्य कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को ये जानने में मुश्किल होती है कि कौन मरीज है और कौन अस्पताल का कर्मचारी। इससे मरीज भटकते रहते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों के लिए ड्रेस पहनने के नियम बनाए हैं, जिससे अस्पताल आने वाले मरीजों को डॉक्टर के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े,लेकिन अस्पताल में तैनात डॉक्टर और कर्मचारी नियम को ताक पर रखकर निर्धारित ड्रेस कोड के बिना रहते हैं। इसी वजह से कई बार मरीज दलालों के चक्कर में भी फंस जाते हैं और मजबूरन ही मरीज को महंगा इलाज कराना पड़ता है। इन सबके कारण कई बार मरीज को विवादों का भी सामना करना पड़ता है।
बीते दिनों जिला अस्पताल में एक मरीज शौचालय में शौच के लिए गया, जहां पर फिसलकर कर गिरने से सफ़ाई कर्मचारी और मरीज के बीच मारपीट हो गई थी। इस पर मरीज को अस्पताल प्रशाशन के बजाय पुलिस के पास जाना पड़ा। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की। इसी तरह एक दूसरे केस में इमरजेंसी में तैनात एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर की बहस हो गई। धीरे धीरे यह मामला गाली-गलौज तक पहुंच गया। लड़ाई शुरु होने से पहले इन दोनों को खुद ही नहीं पता था कि सामने वाला डॉक्टर है।
जिला अस्पताल ललितपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस के बासवानी ने बताया कि, अस्पताल में कर्मचारियों की ड्रेस अभी नहीं बन पाई है। जल्द ही ड्रेस बनाने वाली कम्पनी से ड्रेस बनवाने के लिए कहा जाएगा और जल्द ही सभी कर्मचारी विधिवत ड्रेस कोड में नजर आएंगे।
ये है ड्रेस कोड
● डॉक्टरों घुटनों तक साफ़ सुथरे एप्रिन पहनें व आईकार्ड पर नाम के साथ डिग्री भी लिखी हो।
● वार्ड ब्वॉय के लिए स्लेटी रंग की एप्रिन व आईकार्ड पद नाम के साथ।
● नर्स के लिए सफ़ेद रंग का एप्रिन व आईकार्ड।
● सफाई कर्मचारी के लिए कत्थई रंग का एप्रिन व गले में आईकार्ड होना अनिवार्य है। यदि सफाई कर्मचारियों की एप्रिन गंदी हो गई हो तो लाल रंग की टी शर्ट व आईकार्ड होना चाहिए।