भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी दशकों पुरानी है और इसी के चलते तो दोनों देशों के बीच खेले जाने वाले खेलों को लेकर भी अक्सर बहस शुरु हो जाती है. कई लोग दोनों देशों के बीच खेल सहयोग को पूरी तरह खत्म करने की बात कहते हैं लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के नवनियुक्त चेयरमैन एहसान मनी मानते हैं कि क्रिकेट ही एक माध्यम है जिससे दोनों देशों के बीच संबंध मधुर हो सकते हैं.
मनी ने क्रिकइंफो को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ” अहम बात यह है कि हम एक-दूसरे के खिलाफ क्रिकेट खेलते हैं. जब हम भारत जाते हैं और जब वे यहां आते हैं तो इससे लोगों का लोगों से संपर्क बढ़ता है. लाखों प्रशंसक भारत से पाकिस्तान आते हैं और वे खुश होकर जाते हैं.”
उन्होंने कहा, “खेलों और सांस्कृतिक संपर्क के अलावा दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार करने का और कोई तरीका नहीं है. भारत के लोग भी भारत-पाकिस्तान को खेलते देखना चाहते हैं और पाकिस्तान के लोग भी ऐसा ही चाहते हैं. भारत आईसीसी टूर्नामेंटों में हमारे खिलाफ खेलता है, लेकिन वह हमसे द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलना चाहता. मुझे लगता है कि यह कुछ चीजें है जिसपर विचार करने की जरुरत है.”
मनी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच का विश्व में सबसे ज्यादा वित्तीय महत्व रखता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पीसीबी के लिए वित्त से ज्यादा महत्व क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करना है.
पीसीबी चेयरमैन ने कहा, “पैसा खेल से ज्यादा मायने नहीं रखता है. दुनिया में अन्य मैचों की तुलना में भारत-पाकिस्तान के प्रशंसक ज्यादा है. यदि भारत सरकार अपने नागरिकों को भारत-पाकिस्तान मैच देखने से रोकता है कि यह उनका फैसला है.”
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान, भारत से द्विपक्षीय सीरीज खेले बिना जिंदा रह सकता है, उन्होंने कहा, “हमेशा”. बता दें क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जनवरी 2013 के बाद से ही पाकिस्तान के साथ कोई भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली है. हालांकि दोनों टीमें आईसीसी के टूर्नामेंटों में तब से लेकर अब तक 10 बार आमने-सामने हो चुकी हैं.