उत्तर प्रदेश : एक लाख के इनामी गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को यूपी STF ने एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया. विनोद पर कई आपराधिक मामले दर्ज़ थे. शुक्रवार सुबह एसटीएफ की टीम ने उपाध्याय को घेर लिया. उसने टीम पर फायरिंग की जवाबी कार्यवाही में विनोद को गोली लगी और उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, विनोद गोरखपुर से प्रयागराज जा रहा था. वह पुलिस के डर से रात को ही सफ़र करता था. लेकिन इस बार पुलिस को इसकी जानकारी मिलते ही उसे घेर लिया गया. उसका प्रयागराज के अलावा दिल्ली, नोएडा, झारखंड समेत कई जगहों पर रियल एस्टेट का काम था. उसके साथ गोरखपुर का एक और गैंगस्टर शामिल था जो इन सब काले धंधों में उसके साथ पार्टनर था. विनोद पर हत्या, वसूली, डकैती आदि आपराधिक मुक़दमे दर्ज थे. एनकाउंटर के समय विनोद के पास से STF ने चाइनीज़ पिस्टल 30-बोर, स्टेन गन 9mm, कुछ जिंदा कारतूस एवं एक स्विफ्ट कार बरामद की गई है.
हिंदु युवा वाहिनी के नेता को बीच बाज़ार दौड़ाकर पीटा था
गोरखपुर में विनोद की नज़र रेलवे के ठेकों पर थी. इसको लेकर विनोद का हिन्दू युवा वाहिनी के नेता सुशील के साथ बहस हो गयी थी. बाद में यह बहस रंजिश में बदल गयी. मौका पाते ही विनोद ने सुशील को अगवा कर लिया. बाद में विनोद ने गोरखपुर के बाज़ार में विजय चौराहा से लेकर गणेश होटल तक सुशील को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था. सुशील गिड़गिड़ाता रहा लेकिन फ़िर भी उसे दया नहीं आयी. इस घटना के बाद पुलिस की नज़र विनोद पर पड़ी. ऐसा कहा जाता कि पूर्वांचल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी का इसके सर पर हाथ था इसलिए वह अपराध करने के बाबजूद भी बच जाया करता था.
थप्पड़ मारने पर घर पहुंचने से पहले ही कर दी थी नेपाल के गैंगस्टर की हत्या
बात है 90 के दशक की जब गैंगस्टर विनोद उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति कर रहा था. विश्वविद्यालय में हुए एक प्रदर्शन में उसके खिलाफ मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया गया. जहाँ पर उसकी मुलाकात नेपाल के गैंगस्टर जीतनारायन मिश्र से होती है. कुछ ही समय मे ये बातचीत बहस में बदल जाती है तभी जीतनारायन उठकर विनोद को थप्पड़ जड़ देता है. जेल में बाहुबल काम होने के कारण वहाँ कुछ नही कहता लेकिन अंदर ही अंदर अपमान का घूंट पी लेता है . जिसके कुछ समय बाद मिश्र को आपराधिक मामलों में जमानत मिल जाती है. सात अगस्त 2005 को जीतनारायन अपने बहनोई गोरेलाल के साथ संत कबीर नगर जाने के लिए रवाना हुआ. गाड़ी पर बैठते ही विनोद ने दिनदहाडे नेपाल के बाहुबली एवं खूंखार गैंगस्टर जीतनारायन मिश्र की गोली मारकर हत्या कर दी .तभी से उसका नाम सुर्खियों में आया. यह समय था 90 के दशक का जब पूर्वांचल के बाहुबली एवं ब्राह्मणों के फायरब्रांड नेता पंडित हरिशंकर तीवारी का दबदबा हुआ करता था. इस वजह से ही उसे अपराध करने की हिम्मत मिलती थी.