बुंदेलखंड के किलों का कायाकल्प करने की क्या है योगी सरकार की योजना

अरावली की पहाड़ियों का प्राकृतिक सौंदर्य समेटे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से संपन्न बुंदेलखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. इसे देखते हुए यहां के उत्तर प्रदेश वाले हिस्से में योगा आदित्यनाश सरकार ने 31 किलों, गढ़ों और दुर्गों का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा. साथ ही इस क्षेत्र की संस्कृति, बोली-भाषा और कला को भी सहेजा जाएगा. वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां भी शुरू किए जाने की योजना है.

बुंदेलखंड के कायाकल्प का प्रस्ताव निजी कंपनी एएनबी कंसल्टेंट ने तैयार किया है और इसे मुख्य सचिव के समक्ष पेश भी किया जा चुका है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की योजना के तहत बांदा के कालिंजर किले पर निजी क्षेत्र के सहयोग से लाइट एंड साउंड शो, कैम्पिंग-ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और फ़साड लाइटिंग के कार्य कराए जाएंगे. साथ ही नेचर ट्रेल की गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी. 1857 की जंगे आजादी में अंग्रेजों से लोहा लेने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के किले की आक्रामक ब्रांडिंग के साथ पास ही स्थित बरुआ सागर किला तक जाने के रास्ते को आसान बनाया जाएगा.

12 एकड़ परिसर वाला टहरौली किला और 4 एकड़ परिसर वाली दिगारा की गढ़ी, चिरगांव का किला, लोहागढ़ का किला, चम्पत राय का महल, रघुनाथ राव के महल का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा. बरुआ सागर किले, टहरौली के किले, दिगारा की गढ़ी, चम्पत राय के किले, महल महिपाल निवास, सरीला और रघुनाथ राव के महल को सरकार हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने के साथ इन सभी जगहों पर फ़साड लाइटिंग की भी व्यवस्था की जानी है.

बरुआ सागर के पास और तालबेहट किले के नीचे स्थित झीलों पर वॉटर स्पोर्ट्स, एडवेंचर टूरिज्म की सुविधाओं का विकास किया जाएगा. देवगढ़ (दुर्ग) परकोटे के नीचे बेतवा नदी में भी वॉटर स्पोर्ट्स की काफी संभावनाएं हैं. इसी प्रकार महावीर स्वामी अभ्यारण्य को इको-टूरिज्म के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. मड़ावरा और सौराई के किले पर पर्यटन की दृष्टि से पहुंच मार्ग, साइनेज तथा पेयजल व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा.

चरखारी में मंगलगढ़ किले को निजी क्षेत्र की सहभागिता से हेरिटेज होटल, एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिहाज से विकसित किया जाएगा. साथ ही मस्तानी महल, बेलाताल पर कैफेटेरिया की सुविधा विकसित की जाएगी. इन विकास कार्यों के लिए सरकार अपना खजाना तो खोलेगी ही, पीपीपी मॉडल और कम्पनियों के सीएसआर फंड का भी इस्तेमाल किया जाएगा. बुंदेलखंड क्षेत्र का पर्यटन के तौर पर विकास होने से दुनिया यहां के किलों की भव्यता और ऐतिहासिकता के साथ बुंदेलों की शौर्य गाथा से परिचित हो सकेगी.

 

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