जालौन: पंद्रह हजार की आबादी वाली ग्राम पंचायत बंगरा में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब है. गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र होने के बावजूद यहां लोगों को किसी तरह की सुविधा देखने को नहीं मिलती. आलम ये है कि 25 साल से निर्मित इस भवन में आज तक एक भी गर्भवती महिला की डिलीवरी नहीं हो सकी है. वहीं उचित रखरखाव के अभाव में भवन भी जर्जर होता जा रहा है.
बताया जाता है स्वास्थ्य महकमे से एक एनएनएम रमा पाल की तैनाती है जिनकी जिम्मेदारी गर्भवती महिलाओं का समय से टीकाकरण करने के साथ ही उनकी सेहत के बारे में समय-समय पर जानकारी देना है. लेकिन वे अपनी मर्जी की मालिक हैं और यदा कदा ही गांव में और अस्पताल में दिखती हैं. ऐसी स्थिति में बंगरा ग्राम पंचायत में गर्भवती महिलाओं का समय से टीकाकरण कार्य भी बाधित हो रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी से शिकायत भी की लेकिन उन्होंने इस मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेना भी उचित नहीं समझा.
एएनएम की इस लापरवाही और अस्पताल की इस बदहाली की वजह से लोग प्राइवेट अस्पतालों की शरण में जाने को विवश हैं. इतना ही नहीं भवन निर्माण के इतने सालों बाद भी यहां कोई डॉक्टर या सलाह देने वाला नहीं दिखता है बल्कि भवन में अवैध रूप से कंजड़ों ने अपना डेरा डाल रखा है. एक ओर जहां ये स्वास्थ्य उपकेंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है वहीं गर्भवती महिलाओं, बच्चों और गंभीर बीमारियों के लिए उचित इलाज और सलाह न मिलने पर लोगों काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.